Wednesday 18 April 2012

'इंतज़ार करते हैं हम'




इंतज़ार करते हैं हम,
लौट आये वो पल कभी,
सहलाए थे तुमने जब,
ये एहसास कभी, 
थामा था जब तुमने,
दामन ख़्वाबों का मेरे,
और सज़ा कर पलकों पर मेरे,
यकीन मुझे दिलाया था कभी,
पिरोये थे तुमने जब,
मोती वो मुहब्बत के,
और कापते हाथों से,
पहनाया था मुझे कभी, 
थी मध्धम साँसे और,
चुपके से यूँ ही जब,
रिश्ता ये निभाया था कभी.. ! 


सर्वाधिकार सुरक्षित ! 
- नेहा सेन